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स्मृति शेष: पत्रकारिता के जोश, जुनून और जिद थे कल्पेशजी...

दैनिक भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक नहीं रहे। गुरुवार देर रात उनका निधन हो गया। इंदौर में शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। कल्पेशजी 30 साल से अधिक समय से पत्रकारिता में थे। इनमें से 21 साल दैनिक भास्कर में ही रहे। वे प्रखर वक्ता थे। देश-दुनिया में चल रहे संवेदनशील मुद्दों पर बेबाक और निष्पक्ष लिखते थे। हर शनिवार दैनिक भास्कर में प्रकाशित होने वाला उनका कॉलम ‘असंभव के विरुद्ध’ बेहद चर्चित था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र लिखकर कहा है कि ‘देश और समाज हित के विभिन्न मुद्दों पर कल्पेशजी की कलम अनोखा नजरिया देती थी।’ उनके परिवार में मां प्रतिभा याग्निक, पत्नी भारती, बेटी शेरना और शौर्या, भाई नीरज और अनुराग हैं।

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स्मृति शेष: पत्रकारिता के जोश, जुनून और जिद थे कल्पेशजी... स्मृति शेष: पत्रकारिता के जोश, जुनून और जिद थे कल्पेशजी... Reviewed by Tech Toys Hub on July 14, 2018 Rating: 5

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